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Thursday, September 19, 2019

पब्जी खेलने से रोका तो पिता को तलवार से काटा



कर्नाटक के बेलगावी जिले में एक 21 वर्षीय के युवक ने अपने पिता की सिर काटकर हत्या कर दी। बताया जा रहा है कि युवक के पिता ने उन्हें मोबाइल गेम पब्जी गेम खेलने से मना किया था।

रघुवीर कुंभर नामक युवक को पब्जी खेलने की आदत लग चुकी थी इसका असर उनकी पढ़ाई पर पढ़ने लगा था।

बेलगावी के पुलिस कमिश्नर बीएस लोकेश कुमार ने बीबीसी हिंदी से कहा उस युवक को मोबाइल गेम की लत लग चुकी थी। वह  चाहत था कि उसके पिता मोबाइल का रिचार्ज करवाये जिससे वह गेम खेल सके।

इस वजह से पिता और पुत्र झगड़ा भी हुआ इसके बाद युवक ने अपनी माँ को कमरे से बाहर जाने के लिए कहा ओर फिर अपने अपने पिता का पैर काट दिया युवक पर आरोप है कि इसके बाद उसने अपने पिता शंकरपा कुंभर का सिर धड़ से अलग कर दिया।

इस घटना के बाद अभियुक्त युवक की माँ चिल्लाते हुए घर से बाहर चली गई ओर पड़ोसियों ने पुलिस को बुला लिया रघुवीर को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया।

युवक के पिता शंकरपा पुलिस विभाग से रिटायर्ड कर्मचारि थे ऐसा बताया जा रहा है कि उन्होंने इस घटना के एक दिन पहले हो पाने बेटे की ऑल्ट के बारे में पुलिस को सूचने दी थी।

शंकरपा के पड़ोसियों ने भी उनके बेटे के खिलाफ शिकायत की थी और कहा था की रघुवीर उनके घरों पर पत्थर फेकता है इसी वजह से शंकरपा को पुलिस स्टेशन जाना पड़ा था।

रघुवीर आरोप है कि जब उनके पिता ने उन्हें मोबाइल गेम खेलने से मना किया था तो वो पत्थर फेंकने लगे।

इस तरह से ब्यवहार से रघुवीर की मानसिक हालात का अंदाज भी लगाया जा सकता है।



डॉ शर्मा मानते है की अभी तक भले ही इस बात के पुख्ता प्रमाण नही है को गेम की वजह से किशी के ब्यवहार में परिवर्तन आता है लेकिन कई परिजनों ने यह स्वबिकारा है कि हिंसक गेम खेलने से उनके बच्चों के ब्यवहार में बदलाव देखा गया है।

डॉ शर्मा इसकी वजह बताते है इस तरह बेवहार के प्रमुख वजह है कि ऐ लोग बाहरी दुनिया से पूरी तरह कट जाते हैं उन्हें लगता है कि यही उनकी दुनिया है।

बेव्हार में बदलाव 


डॉ शर्मा बताते है कि के लोगो को तो ऐसा लगने लगता है कि उन्हें इन गेम के जरिये किसी प्लेयर स्टीमर या गेम देवोलोपेर के तौर तक नोकरी मिल जाएगी।

मनोबैज्ञानिक और मनोचिकित्सक को इस बात को चिंता हो रही है कि इन तरह मामले लगातार बढ़ रहे है। की उनके क्लिनिक में 10 में से सात या आठ एलपीजी तकनीक के ज्यादा इस्तेमाल से परेशान होने वाले आते है।


डॉ कुलक्नी कहते है जब इन मरीजों को कहा जाता है कि वो गेम न खेलो तो इससे उन्हें परेशानि होने लगती है वो हिंसक हो जाते है और तनाव में जाने लगते है।

डॉ शर्मा बताते है कि लत के शिकार लोगो के एक झटके में मोबाइल से दूर कर देना असंभाव है ऐसे लोगो को धीरे धीरे जागरूक करना चाहिए उन्हें काउंसलिंग देनी पड़ती है डॉ शर्मा कहते है कि तकनिक बुरी चीज नही है लेकिन उसका बहुत ज्यादा इस्तेमाल खराब होता है।





बंगलुरू स्मार्टफोन पर पब्जी गेम खेलने से रोकने पर एक युवक ने पिता ने मौत के घाट उतार दिया इतना ही नही हत्या के बाद उसने शव के कई टुकड़े भी कर दिए वारदात बेलगावी शहर के बाहरी क्षेत्र में काकती गांव की है।


पुलिस के अनुसार मृतक शंकरपा कंबार 60 सेवानिवृत्त पुलिस उप निरीक्षक था। उसका पुत्र रघुवीर 25 हमेशा मोबाइल पर ब्यस्त रहता था शंकरपा उसे अक्सर मोबाइल का कम प्रयोग करने की नसीहत देता था।
इसी बात पर पिता पुत्र के बीच कई बार झगड़ा हुआ झुंझलाहट में पुत्र ने पड़ोसियों के घरों पर पथराव भी किया पुलिस ने रघुवीर व उसे माता पिता को थाने बुलाकर समझाइस की थी।


Mobile छीनने से भड़का युवक 


रघुवीर रविवार देर रात गेम खेल रहा था तभी पिता ने मोबाइल छीन लिया। सोमवार लड़के रघुवीर ने पिता के गर्दन पर वार कर दिया और फिर शव के टुकड़े टुकड़े कर दिए आरोपी को मौके से गिरफ्तार किया गया।


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